Swayam Sahayata Samuh me Milne Wali Naukari: सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा दिया जा रहा है और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को तरह-तरह की नौकरियों और योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है तो आज हम आपको बताएंगे कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के बाद आपको कौन-कौन सी नौकरियां मिल सकती है अगर आप भी स्वयं सहायता समूह की महिला है तो ये जानकारियां आपके लिए बहुत जरूरी है इसीलिए आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ ले।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कौन-कौन सी नौकरियां मिल सकती हैं?
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कई सारी नौकरियां सरकार द्वारा दी जा रही है तो आज हम आपको इन नौकरियों के बारे में डिटेल में बताएंगे अभी ये नौकरियां संविदा पर हो रही है लेकिन हो सकता है काम को देखते हुए आगे चलकर ये नौकरियां परमानेंट हो जाये इसलिए आपके पास भी ये एक अच्छा मौका है।
समूह सखी
जब गांव में ही कम से कम 5 स्वयं सहायता समूह बन जाते तब उन समूहों पर एक समूह सखी की नियुक्ति की जाती है जिसका काम होता है सभी समूहों की देखरेख करना, उनकी सभी कागजी कार्रवाई देखना, ब्लाक से उनके लिए जो योजनाएं लाभ मिल रही हैं उनकी जानकारी उन्हें देना और उसमें उनकी सहायता करना, एक समूह को प्रतिमाह ₹3000 के लगभग वेतन मिल जाता है।
आजीविका सखी
इनका काम होता है कि जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं उन्हें एक कृषि संबंधित, पशु संबंधित और छोटे छोटे उद्द्योगों संबंधित जानकारी देना, इससे संबंधित जो सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है उनके बारे में उन्हें बताना, जिससे महिलाएं अपना मोटा मोटा रोजगार शुरू करके कुछ आमदनी कर सके और एक आजीविका सखी को प्रतिमाह ₹3500 के वेतन मिल जाता है।
पशु सखी
जो महिलाएं समूह से जुड़ी हुई हैं उन्हें पशुओं के बारे में जानकारी देना, जैसे पशुओं का बीमा करवाना, टीकाकरण करवाना या ब्लॉक से जो पशुओं के लिए योजनाएं चल रही है समूह से जुड़ी महिलाओं को बताना, उसमें मदद करना, पशु सखी को काम के हिसाब से मानदेय मिलता है जितना भी डाटा भरकर ये ब्लॉग में जमा कर दी है उसी के हिसाब से इन्हें वेतन मिल जाता है फिर भी एक ऐवरेज तौर इन्हें प्रतिमाह 4000 से ₹5000 के लगभग मिल जाता है।
कृषि सखी
इनका काम महिलाओं को कृषि संबंधित जानकारी देना, उन्हें नई नई फसलों के बारे में खाद वगैरह के बारे में बताना, सरकार की तरफ से जो स्कीम चल रही है योजनाएं चलाई जा रही है उनके बारे में बताना, जिससे की महिलाएं उन योजनाओं का लाभ उठा सकें एक कृषि सखी को प्रतिमाह ₹3000 के लगभग वेतन मिल जाता है।
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BC सखी
बीसी सखी भी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को बनाया जाता है इनका काम ग्रामीण लोगों की बैंक अकाउंट खुलवाना, पैसे निकलवाना, जमा करवाना होता है इन्हे शुरू के 6 महीना तो लगभग ₹4000 प्रतिमाह मिलते हैं लेकिन उसके बाद इन्हें एक कमीशन बेस पर वेतन दिया जाता है।
विद्युत सखी
विद्युत सखी के लिए भी कुछ राज्यों में भर्ती होने लगी है इनका काम होता है घर घर जाकर हर महीना लोगों की बिजली के बिल जमा करवाना, जिस पर इन्हें एक घर का बिल जमा करवाने पर लगभग ₹20 मिलते हैं।
मनरेगा महिला मेट
20 से 30 से मजदूर लोगों के समूह पर एक मनरेगा मेट की नियुक्ति की जाती है जो कि उन मज़दूरों के कार्यों पर नजर रखती है उनका रिकॉर्ड चढ़ाना, कार्य बनाना, औजार मुहैया करवाना इस तरह के काम इन्हें देखने होते हैं मनरेगा मेट भी स्वयं सहायता समूह की महिला को ही बनाया जाता है जिन्हें 200 से ₹250 प्रतिदिन के हिसाब से मिलते हैं।
इन सबके अलावा भी अगर समूह से जुड़ी महिलाओं को लोन लेना है तो उसमें भी इन्हें मदद मिलती है हर गांव में सामुदायिक शौचालय भी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को ही नौकरी दी जा रही है।
तो इस तरह की कुछ नौकरियां हैं जो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ही मिलती है तो अगर आप स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और नौकरी पाना चाहती है तो उसके लिए आपको अपने ग्राम प्रधान से मिलना होगा उनसे आपको इसके बारे में जानकारी लेनी होगी उसके बाद फॉर्म को अपने ब्लॉक में जमा करना पड़ेगा इस तरह से इसकी कुछ प्रक्रिया रहती है वो सब भी आप अपने ग्राम प्रधान से मिलकर उनसे पूछ सकते है।
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आज आपने क्या सीखा?
तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको Swayam Sahayata Samuh me Milne Wali Naukari से जुड़ी महिलाओं को मिलने वाली नौकरी के बारे में पूरी जानकारी दी है उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको सही से समझ में आ गयी होगी इसके अलावा अगर आपको इससे रिलेटेड कोई समस्या है आप उसके लिए जानकारी चाहते हैं तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं।