केंद्रीय कर्मचारियों को लगातार तीसरे महीने झटका लगा है। फिलहाल लेबर ब्यूरो ने अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आंकड़े जारी नहीं किए हैं। 31 मई को जारी होने वाले आंकड़े रोक दिए गए हैं।
इस वजह से अब महंगाई भत्ते (डीए बढ़ोतरी) का कोई अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है। यह विकल्प भी विकसित हो सकता है कि फरवरी और मार्च के आंकड़ों की कमी के कारण श्रम ब्यूरो को केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की गणना करने में देरी हो रही है। अब जून के अंत तक इसके आंकड़ों का इंतजार करना होगा।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए फरवरी, मार्च और अप्रैल के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं, जिसके कारण अब उन्हें बिना जानकारी के आगे की कार्रवाई करने में कठिनाई हो रही है।
नए स्रोत के अनुसार, संख्या जारी करने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि श्रम ब्यूरो के पास अभी तक फरवरी और मार्च महीने के आंकड़े नहीं हैं।
जून के आखिर में जारी होने वाले आंकड़ों में इसकी जानकारी अपडेट की जा सकती है। हालांकि यह आधिकारिक डेटा नहीं है, लेकिन यह तय नहीं है कि जुलाई 2024 में महंगाई भत्ता नहीं बढ़ेगा। डीए कैलकुलेशन में थोड़ा बदलाव हो सकता है।
8वां वेतन आयोग
इस दौरान यह भी चर्चा थी कि जुलाई 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य (0) हो जाएगा।
लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है और सरकार ने भी ऐसे किसी विचार से खुद को अलग कर लिया है। महंगाई भत्ते की गणना 50 फीसदी से आगे बढ़ती रहेगी, जिसके चलते यह तय नहीं है कि इसे शून्य कर दिया जाएगा।
2016 में आधार वर्ष बदलते समय डीए शून्य
इससे पहले 2016 में आधार वर्ष बदलते समय महंगाई भत्ता शून्य कर दिया गया था। इस बारे में कोई नियम नहीं बनाया गया था। फिलहाल आधार वर्ष में कोई बदलाव नहीं होगा।
इसलिए महंगाई भत्ते के विलय के पीछे कोई ठोस वजह नहीं है। जानकारों के मुताबिक अगले साल डीए भत्ते में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।