कपूर बनाने के बिज़नेस कैसे शुरू करें (मटेरियल, लागत, मशीन, कीमत, मार्केटिंग) (How to start Camphor making business in hindi) (Material, Cost, Machine, Price, Marketing)
हमारी भारतीय संस्कृति में कपूर का धार्मिक महत्त्व रहा है यह एक क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है जिसमें एक तरह की गंध पाई जाती है यह काम्फोर लौरेल नामक पेड़ से पाया जाता है काम्फोर का पेड़ मुख्यता भारत, चीन, मंगोलिया, जापान, तैवान आदि देशों में पाया जाता है इस पेड़ या फिर इसी प्रजाति के अन्य पेड़ों की लकड़ियों में भी कपूर मिलता है यहाँ पर कपूर के छोटे छोटे उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया दी जा रही है जिससे आप आसानी से कपूर मैन्युफैक्चरिंग का उद्योग शुरू कर सकते हैं.
कपूर बनाने के लिए सामग्री (Camphor Making Raw Material)
कपूर बनाने के लिए एक कच्ची सामग्री की जरूरत होती है ये कच्ची सामग्री है काम्फोर पाउडर. इस पाउडर से कपूर मेकिंग मशीन से कपूर टैबलेट बनाए जाते हैं.
कपूर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री कहाँ से लें (Where to buy raw material for Camphor)
काम्फोर कपूर पाउडर आमतौर पर होलसेल मार्केट में मिल जाता है जहाँ से आप कम कीमतों पर काम्फोर पाउडर खरीद सकते हैं और आप इसे ऑनलाइन भी ले सकते हैं.
कपूर बनाने के लिए मशीनरी (Camphor Making Machine)
कपूर बनाने के लिए मशीन पड़ता है स्वचालित होती है जिसमें वह जगह बनाई हुई रहती है जिसमे कपूर पाउडर डाला जाता है और मशीन में कपूर डबल बनकर अपने आप बाहर निकलते रहते हैं इस मशीन में सबसे खास बात है कि एक ही मशीन से कई कई साइज के अलग अलग टैबलेट क्यूब छोटे और भाई साइज के कपूर बनाए जाते हैं मशीन में लगा हुआ है ड्राई इसकी सुविधा प्रदान करता है इस डाई को एडजस्ट करके कपूर को अलग अलग आकार दिया जाता है और आम तौर पर बाजार में बिकने वाले कपूर साइज को देखते हुए उसी आकार का कपूर बनाया जाय.
कपूर बनाने के लिए मशीन कहाँ से खरीदें (Where to buy Camphor making machine)
कपूर बनाने के लिए मशीन हार्डवेयर दुकानों में भी मिल जाती है और आप इसे ऑनलाइन Indiamart ऊपर भी खरीद सकते हैं.
कपूर बनाने के व्यापार में कुल लागत (Camphor making business total cost)
काम्फोरपाउडर की कीमत 425 रुपया प्रति किलोग्राम है लेकिन अगर आप वल्सर मार्केट से इसे खरीदते हैं तो ये आपको 300 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलेंगे कपूर बनाने की मशीन की कीमत 55,000 रुपये से शुरू होती है और इससे ज्यादा रेट में भी आपको मशीनें मिल जाएगी लेकिन छोटे व्यापार को शुरू करने के लिए 55,000 की मशीन ही सही रहेंगी इस तरह से कपूर बनाने के बिज़नेस की कच्ची सामग्री और मशीन व पैकेजिंग को मिलाकर लगभग 60,000 से 70,000 तक की लागत आ सकती है और इसका बिज़नेस शुरू करने के लिए आप 1000 स्क्वायर फ़ीट जगह का उपयोग भी कर सकते हैं.
कपूर बनाने की प्रक्रिया कपूर बनाने की प्रक्रिया काफी आसान होती है इसलिए इसे कोई भी नियंत्रित और नियमित कर सकता है ये मशीन है बाहरी तरफ से मोटर से जुड़ी हुई होती है और हर समय चलती रहती है इस मशीन से एक ऐसी जगह भी होती है जहाँ पर कपल पाउडर डालना होता है कपूर पाउडर डालते हुए इसकी मात्रा ध्यान देना अनिवार्य है उस जगह पर धीरे धीरे आपको पाउडर डालना है इसी पाउडर से कपूर टेब्लेट बन कर तैयार होते रहते हैं जब तक मोटर चलती रहती है कपूर अपने आकार में बन कर निकलता रहता है.
कपूर की पैकेजिंग (Camphor Making Process)
कपूर बेचने के लिए कपूर पैकेजिंग को ध्यान में रखना जरूरी है बाजार की आवश्यकता के अनुसार इसके छोटे छोटे पैकेट बनाकर तैयार किए जाते हैं एक छोटे से पैकेट में कम से कम तीन होते हैं ये पैकेट 2 रूपये प्रति पैकेट के हिसाब से बिकता है इन छोटे छोटे पैकेट को मिलाकर एक बड़े पैकेट बनते हैं जो दुकानों में जाते हैं इस तरह से आवश्यक संख्या में ही छोटे छोटे पैकेट का बाजार में होल सेलर के तौर पर बेचा जाता है.
नोट :- पैकेजिंग पहले बने हुए हैं कपूर को एक एयर टाइट डिब्बे मैं डालकर रखना जरूरी होता है क्योंकि कपूर शीघ्र वाष्पशील पदार्थ है इसलिए इसे डिब्बे में पैक करके रखना होता है.
कपूर बनाने के बिज़नेस की मार्केटिंग (Camphor Packing)
कपूर देश के लगभग हर घर में किसी ना किसी रूप में इस्तेमाल होता है इसका विशेष महत्त्व पूजा पाठ में है पूजा पाठ में आरती हवन के समय इसका उपयोग शुभ माना जाता है इसीलिए इसकी सबसे अच्छी सेल पूजा पाठ वाले बाजार में होती है किस तरह से देश के बड़े बड़े धार्मिक स्थलों और पूजा पाठ के बाजारों में इसे बेचा जाता है आप अपने क्षेत्र के किसी बड़े पूजा स्थलों, मंदिरों के आसपास के पूजन सामग्रियों की दुकानों में अपना कपूर बहुत से लड़के तो तौर पर दे सकते हैं.
कपूर बनने के व्यापार के लिए लाइसेंस (Camphor Making Business Marketing)
कपूर बनाने के बिज़नेस को शुरू करने के लिए अन्य बिज़नेस की तरह लोकल अथॉरिटी से लाइसेंस लेने की जरूरत होती है क्योंकि लाइसेंस बनवाना है एक समय होने वाली प्रक्रिया है इसलिए इन्हें ऑथोरिटी से लिखित अनुमति लेकर मैन्युफैक्चरिंग शुरू की जा सकती है लिखे धन मान ले लेने से लाइसेंस आने तक किसी भी तरह के कानूनी करवाई कोई दिक्कत नहीं होती जिससे आप बिना किसी दिक्कत के अपना बिज़नेस शुरू कर पाएंगे.